Sunday, December 27, 2009

तत खालसा की तरफ से पंजाब का माहोल ख़राब करने की कोशिश करने की निंदा - जग बानी


तत खालसा सेवक जत्थे की हंगामी मीटिंग की प्रधानगी करते हुए सरदार गुरमेज सिंह खालसा ने कहा कुछ जत्थे बंदियों ने पंजाब के शांत माहौल में सियासी गर्माहट पैदा करके अपना स्वार्थ सिद्ध करने की कोशिश की है. गुरुद्वारा सिंह सभा फाब्रियानो में हुई मीटिंग में मेजर सिंह हरयाणा और सतबीर सिंह सिद्धू द्वारा आशुतोष जी महाराज जैसे महापुरुष के प्रति तथ्य रहित बयान बाज़ी करना एक घटिया शरारत बताया गया. दिव्य ज्योति जागृति संसथान के प्रचार को भ्रामक प्रचार कहने वालो को सोच कर बोलना चाहिए था. इनको सिखों के सिद्धांत की बिलकुल भी जानकारी नहीं और दुहाई सिख धर्म की दे रहे है. श्री खालसा ने कहा हमने अपनी जथे बंदी के द्वारा दिव्य ज्योति जाग्रति संसथान के प्रचार तथा साहित्य की अच्छी तरह से जांच पड़ताल की है. हमें उसमे से कोई भी एतराज़ योग्य बात दिखाई नहीं दी.
सरदार गुरुमेज सिंह ने खुले शब्दों में कहा, अगर संस्था का प्रचार ऐतराज़ योग्य है तो इसको गुरुबानी के आधार पर सिद्ध किया जाए. उन्होंने कहा कि संत आशुतोष के बारे में गलत धारणा रखने वालो को मैं खुला निमंत्रण देता हू कि वो आमने सामने आकार विचार विमर्श करे. लुधिअना की घटना के बारे में जानकारी न रखने वालो को मैं ये बताना चाहता हू कि संस्था के समागम का विरोध करने वालो ने हाथ में नंगी तलवारे लेकर नारे लगाकर सरे आम अशांति फैलाई थी. वो इस बात से अनभिज्ञ है कि कोई भी मामला तलवार से नहीं बल्कि विचार के साथ हल करना चाहिए. सरदार गुरुमेज सिंह खालसा ने समूची कौम को अपील करते हुए कहा कि हमे हमेशा भड़कने से पहले सच्चाई को जान लेना चाहिए. इस मीटिंग में रणजीत सिंह खालसा, बलबीर सिंह खालसा, गुरुदीप सिंह बराड़, सरबजीत सिंह भोगल, सतबीर सिंह ढिल्लों, गुरुदर्शन सिंह दिलगीर, प्रितपाल रंधावा, दविंदर सिंह संधू, मनिंदर खालसा और अन्य सदस्य शामिल हुए.